सुलगते सीने से धुँआ सा उठता है !
लो अब चले आओ के दम घुटता है !
जला गये तन को बहारों के साऐ !
मैं क्या करूं हाऐके तुम याद आऐ !!
जादू है उसकी हर एक बात में !
याद बहुत आती है दिन और रात में !
कल जब देखा था मैने सपना रात में !
तब भी उसका ही हाथ था मेरे हाथ में !!.
कभी ये मत सोचना की याद नही करते हम !
रात की आखरी और सुबह की पहली सोच हो तुम !!
कितना ही खुश रहने की कोशिश कर लो !
जब भी कोई याद आता है सच में बहुत रुलाता है !!