Hindi Poetry
Hindi Poetry Zindagi
Teri Chahat
तेरी चाहत तो मुकद्दर है मिले ना मिले !
पर राहत जरुर मीलती है तुम्हे अपना सोचकर !!
Dard Ishq Ke Liae
काश किताबो में भी ये ज्ञान होता !
के दर्द इ इश्क़ के लिए भी कोई इंतज़ाम होता !!
तेरी चाहत तो मुकद्दर है मिले ना मिले !
पर राहत जरुर मीलती है तुम्हे अपना सोचकर !!
काश किताबो में भी ये ज्ञान होता !
के दर्द इ इश्क़ के लिए भी कोई इंतज़ाम होता !!