Hindi Poetry
aaram nahi
घर भर की जिम्मेदारी और पल भर भी आराम नहीं !
एक माँ बन पाना किसी आदमी के बस का काम नहीं !!
sharafat aaj bhi hai
किसी और के दीदार के लिए उठती नहीं ये आँखे !
बेईमान आँखों में थोड़ी सी शराफ़त आज भी है !!
daar jane se kya hoga
मुश्किल कोई आ जाए डर जाने से क्या होगा !
जीने की तरकीब निकालो मर जाने से क्या होगा !!
din huaa to raat bhi hogi
दिन हुआ है तो रात भी होगी !
हो मत उदास कभी बात भी होगी !
इतने प्यार से दोस्ती की है !
जिन्दगी रही तो मुलाकात भी होगी !