Poetrytadka.com

HD Shayari

Barkaraar hun main

कोई तो हैं मेरे अंदर मुझको संभाले हुए ....

कि बेकरार होकर भी बरक़रार हूं मैं ...!!

Meri Qismat

रोज़ रात आते है वो मिलने ख्वाबों में .....

 

मेरे सोते ही मेरी किस्मत जाग जाती है ...!!

Khamoshiyan bhi bolti hain

"लोग कहते हैं समझो तो खामोशियाँ भी बोलती हैं,

 

मैं अरसे से ख़ामोश हूँ वो बरसों से बेख़बर है...!"

Tera Khyaal

 

हर ऱोज हर वक़्त हर पल बस तेरा ही तेरा ख्याल .....

ना जाने मेरे कौनसे कर्ज की किश्त हो तुम ...!!

 

Subah juda

सुबह जुदा है,रात जुदा है..!
अपनी तो हर बात जुदा है..!!

तुमसे बिछड़ के ऐसा लगा..!
जैसे दुआ मे हाथ ज़ुदा हैं..!!

Back Next