नजर का आँपरेशन तो सम्भव है
लेकिन नजरिया का नहीं
दोस्ती कभी खाश लोगो से नहीं होती
जिससे हो जाती है वही खाश हो जाते है
जीत की आदत अच्छी है मगर
कुछ रिश्तो में हार जाना बेहतर है
दोपहर तक बिक गया बाजार में हर एक झूठ
और मै सच बोल कर साम तक बैठा रहा