ये इश्क की अदालत भी बड़े अजीब फैसले लेती है
दिल तोड़ने वाले को नया दिल और सभालने वाले को उम्र कैद देती है
जरा सी बात पा ना छोड़ किसी अपने का दामन
ज़िन्दगी बीत जाती है अपनों को अपना बनाने में
मुझे नशा है तुझे याद करने का
ये नशा में सरेआम करता हूँ
अब उन्हें मेरे रूठने से कोई फर्क नहीं पड़ता
बेचैन कर देती थी जिन्हें मेरी खामुशिया कभी