एक दोस्त मेरी ज़िदगी में ऐसा है !
महोब्बत की तरह है वफाओं जैसा है !
मेरी तलाश की हद उस पर ख़त्म हो जाये !
ज़मी पर है वो मगर आसमाँ जैसा है !!
मेरे अल्फ़ाज़ तो चुरा लोगे,ऐं दोस्तों !
मगर मेरे जैसा दर्द भरा दिल कहाँ से लाओगे !!
मेरे चुप रहने से नाराज ना हुआ करो,ऐ दोस्तों !
टूटे हुये लोग अक्सर इसी हाल में रहते हैं !!