करो कुछ ऐसा दोस्ती मे की Thanks-wardsबे ईमान लगे ! निभाओ यारी ऐसा कि यार को छोडना मुश्किल और दुनिया छोडना आसान लगे !!
आहिस्ता चल जिंदगी,अभी कई कर्ज चुकाना बाकी है !
कुछ दर्द मिटाना बाकी है कुछ फर्ज निभाना बाकी है !
रफ़्तार में तेरे चलने से कुछ रूठ गए कुछ छूट गए !
रूठों को मनाना बाकी है रोतों को हँसाना बाकी है !
कुछ रिश्ते बनकर ,टूट गए कुछ जुड़ते -जुड़ते छूट गए !
उन टूटे -छूटे रिश्तों के जख्मों को मिटाना बाकी है !
कुछ हसरतें अभी अधूरी हैं कुछ काम भी और जरूरी हैं !
जीवन की उलझ पहेली को पूरा सुलझाना बाकी है !
जब साँसों को थम जाना है फिर क्या खोना ,क्या पाना है !
पर मन के जिद्दी बच्चे को यह बात बताना बाकी है !
आहिस्ता चल जिंदगी ,अभी कई कर्ज चुकाना बाकी है !
कुछ दर्द मिटाना बाकी है कुछ फर्ज निभाना बाकी है !!