Poetry Tadka

Dil Shayari

Dil Janta Hai Bewfa Hai Wo

किसे मालूम था इश्क..इस कदर लाचार करता है !
दिल जानता है बेवफा है वो.फिर भी उसी से प्यार करता है !!

Dil Samajh Kar

तड़पती देखता हूँ जब कोई चीज !
उठा लेता हूँ अपना दिल समझ कर !!

Mohabbat Nhi Rhi

ऐसा नहीं कि उन से मोहब्बत नहीं रही !
जज़्बात में वो पहले-सी शिद्दत नहीं रही !
सर में वो इंतज़ार का सौदा नहीं रहा !
दिल पर वो धड़कनों की हुक़ूमत नहीं रही !!

Kaash Wo Samajhte Dil Ki Tdap Ko

काश वो समझते इस दिल की तड़प को !
तो यूँ हमें रुसवा ना किया होता !
उनकी ये बेरुखी भी मंज़ूर थी हमें !
बस एक बार हमें समझ लिया होता !!

Ab To Maanja Dil

अब तो मान जा ऐ दिल ❤कि कोहरा घना है लोगों के दिलों में !
अपने दिखते नहीं और जो दिखते है वो अपने नहीं !!