Poetry Tadka

Dil Ki Baat Shayari

Mohabbat Mukaddar

मोहब्बत मुक़द्दर है एक ख्वाब नहीं

ये वो अदा है जिसमे सब कामयाब नहीं

जिन्हें पनाह मिली उन्हें उँगलियों पर गिन लो

मगर जो फना हुए उनका कोई हिसाब नहीं