Dil Ki Baat Shayari
Kya Aasman Dekhta Hai
परों को खोल ज़माना उड़ान देखता है
ज़मीं पे बैठ के क्या आसमान देखता है
मिला है हुस्न तो इस हुस्न की हिफाज़त कर
संभल के चल तुझे सारा जहान देखता है
Hsane Ke Baad
हंसाने के बाद क्यों रुलाती है दुनिया
जाने के बाद क्यों बुलाती है दुनिया
जिंदगी में क्या कोई कसर बाकी है
जो मर जाने के बाद भी जलाती है दुनिया
Wo Chor Ke Chali Gayi
मैंने रब से कहा वो छोड़ के चली गई
पता नहीं उसकी क्या मजबूरी थी
रब ने कहा इसमें उसका कोई कसूर नहीं
यह कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी
Meri Sanso Me Bikhar Jao
मेरी साँसों में बिखर जाओ तो अच्छा है
बन के रूह मेरे जिस्म में उतार जाओ तो अच्छा है
किसी रात तेरी गोद में सिर रख कर सो जाओं मैं
उस रात की कभी सुबह ना हो तो अच्छा है
Dil Se Mitane Aaya Hoon
बेवफाई उसकी दिल से मिटा के आया हूँ
ख़त भी उसके पानी में बहा के आया हूँ
कोई पढ़ न ले उस बेवफा की यादों को
इसलिए पानी में भी आग लगा कर आया हूँ