Poetry Tadka

Dil Ki Baat Shayari

Teri Trah Bdalna Mujhe Bhi Aata Hai

भुला के मुझको अगर तुम भी हो सलामत

तो भुला के तुझको संभलना मुझे भी आता है

नहीं है मेरी फितरत में ये आदत वरना

तेरी तरह बदलना मुझे भी आता है

Tanhai Mere Dil Ko Stati Chali Gayi

तन्हाई मेरे दिल में समाती चली गयी, 

किस्मत भी अपना खेल दिखाती चली गयी, 

महकती फ़िज़ा की खुशबू में जो देखा प्यार को, 

बस याद उनकी आई और रुलाती चली गयी

Aap Ki Hush Ki Tarif Me

आपके हुस्न कि तारीफ में

सोचता हूँ कुछ अल्फाज लिखूं 

लिखा ना हो जो अब तक

किसी ने ऐसा कुछ आज लिखूं 

गीत लिखूं या गजल लिखूं ,

शायरी लिखूं या कलाम लिखूं 

लिखने को बेचैन हूँ ,

पर समझ ना आए क्या लिखूं

Log Jalte Rahe Mere

लोग जलते रहे मेरी मुस्कान पर

मैंने दर्द की अपने नुमाईश न की 

जब जहाँ जो मिला अपना लिया

जो न मिला उसकी ख्वाहिश न की

Apni Hi Kisi Ada Se Pooch Lo

बादलों में छुप रहा है चाँद क्यों 

अपने हुस्न की शोखियों से पूछ लो 

चांदनी पड़ी हुई है मंद क्यों 

अपनी ही किसी अदा से पूछ लो.