Dil Ko Chu Jane Wali Shayari
mere dil ki chori
गवाह कोई नहीं साहब सबूत भी है नहीं कोई
मगर मेरे दिल की चोरी की तो तुम ने ही की है
badal jati ho tum
बदल जाती हो तुम कुछ पल साथ बिताने के बाद
यह तुम मोहब्बत करती हो या नशा
meri mohabbat
जुबाँ से चुप तो निगाहों से बोलता क्यूँ है
मेरे वजूद को इतना फिर टटोलता क्यूँ है
मोहब्बत आप ही देती है एक नशा गहरा
खामोश हसरतों में तू इसे घोलता क्यूँ है
छू के जब से गये आप हैं इस दरिया को
ये पूरा पानी हवा से भी यूँ खौलता क्यूँ है
हमारे बीच में क्या है रहने भी दे इसको
दिल के राज़ ज़माने में तू खोलता क्यूँ है
अगर यक़ीन है तुम्हे मेरी मोहब्बत पर
प्यार को तराज़ू पर "मन" तोलता क्यूँ है
pareshan hoon main
अपनी हालात का ख़ुद अहसास नहीं है मुझको
मैंने औरों से सुना है कि परेशान हूं मैं