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Desh Bhakti Shayari

mere desh ki mitti me

कुछ तो बात है मेरे देश की मिट्टी में साहेब

सरहदें कूद के आते हैं यहाँ दफ़न होने के लिए

mere desh ki mitti me

smman karta hoon

मैं भारत बरस का हरदम सम्मान करता हूँ,

यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,

मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,

तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ

smman karta hoon

mar kar wo log amar ho jaate hai

खुशनसीब हैं वो जो वतन पर मिट जाते हैं,

मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं,

करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पे मिटने वालों,

तुम्हारी हर साँस में तिरंगे का नसीब बसता है

mar kar wo log amar ho jaate hai

hmare dil me hai

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है

hmare dil me hai

sare jahan se acha

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा

हम बुलबुलें हैं इस की ये गुलसिताँ हमारा

sare jahan se acha
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