ना करना हमसे प्यार का फिर झुठा वादा.
माँगी है आज दुआ के तुझे भुल जाएँ हम
मोहब्बत भी ,शरारत भी, शराफ़त भी, इबादत भी,
बहोत कुछ करके देखा फ़िर भी हम तेरे न हो पाये
dard Bhari Dosti Shayari
तेरे गम को अपनी रूह में उतार लूँ
ज़िन्दगी तेरी चाहत में सवार लूँ
मुलाकात हो तुझ से कुछ इस तरह
तमाम उम्र बस एक मुलाकात में गुजार लूँ