Poetry Tadka

Dard Bhari Shayari

Bhut Shuoq Tha

बहुत शौक था सब को जोङ के रखने का !
होश तब आया जब अपने वजूद के टुकङे देखे !!

Meri Mout Se Bani Hai

कफ़न न डालो मेरे चेहरे पर !
मुझे आदत है गम में मुस्कुराने की !
रूक जाओ आज की रात न दफनाओ !
मेरी मौत से बनी है मुहूर्त उसके आने की !!
दुख भरी शायरी

Mahsoosh Kar Rhe Hai

महसूस कर रहें हैं तेरी लापरवाहियाँ कुछ दिनों से याद रखना !
अगर हम बदल गये तो,मनाना तेरे बस की बात ना होगी !!

mahsoosh kar rhe hai

Samne Baitha Tha Wo Mera Na Tha

फासले ऐसे भी होंगे ये कभी सोचा ना था !
सामने बैठा था मेरे और वो मेरा ना था !!
दुख भरी शायरी

Aadat Daal Le

ए दिल तन्हाइयों में रहने की आदत डाल ले !
बदल गए वो सब जो सुबह शाम याद क्या करते थे !!