Poetry Tadka

Dard Bhari Shayari

Dhal Chuki Raat

ढल चुकी रात अब तो उठ गई महफिल !
मैं कहाँ जाउं बता मेरी मंजिल है कहाँ !!

Ab Tere Liae Hu Aznabi Ho Gae

अब तो तेरे लिये हम अजनबी हो गये !
बातों के सिलसिले भी कम हो गये !
खुशियो से ज्यादा गम हो गये !
क्या पता ये वक्त बुरा हे या बुरे हम हो गये !!

Marne Wale Kha Nahi Karte

एक वो है ,क्या नही कहते !
एक हम है गिला नही करते !
जान दे देगे सुन कर फरमाया !
मरने वाले कहा नही करते !!

Bhula Denge Tumko

भूला देगें तुमको तो थोड़ा सब्र तो करो !
.रग रग में बसे हो थोड़ा वक्त तो लगेगा !!

bhula denge tumko

Ye Jo Tum Zudai Ke Baad

ये जो तुम जुदाई के बाद मेरा "हाल-चाल पुछती हो !
बस तुम इतना समझ लो की मुझसे तुम बड़ा मुश्किल सवाल पुछती हो !!