मैं संभलने लगा जब..वह हद से गिरने लगी !!
मिले तो हजारो लोग थे ज़िन्दगी मे पर वो सब से अलग थी जो किस्मत में नहीं थी !!
अंत में लिखी है दोनों की बर्बादी,आशिक़ हो या हो आतंकवादी !!
किसी ने हमसे कहा इश्क धीमी जहर है !
हमने मुशकुराके कहा हमे भी कहा जल्दी है !!