Poetry Tadka

Bollywood Songs

Ek Pyar Kanagma Hai

एक प्यार का नगमा है, मौजो की रवानी है

जिन्दगी और कुछ भी नहीं, तेरी मेरी कहानी है

कुछ पाकर खोना है, कुछ खोकर पाना है

जीवन का मतलब तो, आना और जाना है

दो पल के जीवन से एक उम्र चुरानी है

तू धार है नदिया की, मैं तेरा किनारा हूँ

तू मेरा सहारा है, मैं तेरा सहारा हूँ

आँखों में समंदर है, आशाओं का पानी है

तूफ़ान तो आना है, आ कर चले जाना है

बादल है ये कुछ पल का, छा कर ढल जाना है

परछईयाँ रह जाती, रह जाती निशानी है

गीतकार : संतोष आनंद

गायक : लता - मुकेश

संगीतकार : लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, चित्रपट : शोर (१९७२)

ek pyar kanagma hai

Dhere Dhere Neri Zindagi Me Aana

धीरे धीरे से मेरी ज़िन्दगी में आना

धीरे धीरे से मेरे दिल को चुराना

तुमसे प्यार हमें कितना है जान-ए-जाना

तुमसे मिलकर तुमको है बताना

 

जबसे तुझको देखा दिल को कहीं आराम नहीं

मेरे होंठों पे इक तेरे सिवा कोई नाम नहीं

अपना भी हाल तुम्हारे जैसा है साजन

बस याद तुझे करती हूँ और कोई काम नहीं

बन गया हूँ मैं तेरा दीवाना

धीरे धीरे से दिल को चुराना...

 

तुने भी अक्सर मुझको जगाया रातों में

और नींद चुरायी मीठी-मीठी बातों में

तुने भी बेशक मुझे कितना तड़पाया

फिर भी तेरी हर एक अदा पे प्यार आया

आजा-आजा अब कैसा शर्माना

धीरे धीरे से दिल को चुराना...

 

Movie : आशिकी (1990)

Music By : नदीम-श्रवण

Lyrics By : रानी मलिक

Performed By : कुमार सानु, अनुराधा पौडवाल

dhere dhere neri zindagi me aana

Ao Baabul Pyary

ओ बाबूल प्यारे ..

ओ रोए पायल के छम छम

ओ सिसके सासों की सरगम

ओ निस दिन तुझे पुकारे मान, हो

ओ बाबूल प्यारे ..

तेरी ही बाहों में बचपन बीता, खिलती गयी जिंदगानी

ओ , आँधी ऐसी फिर चली, टूटी डाली से कली

बिन सावन के उजड़ा चमन, हो

ओ, बाबूल प्यारे ..

कैसे सुहागन बने ये अभागन, कौन बिताए डोली

कैसे आएगी बारात, कैसे पीले होंगे हाथ

कैसे बेटी बनेगी दुल्हन, हो

ओ, बाबूल प्यारे ..

जनक ने कैसे त्याग दिया, अपनी ही जानकी को

हो, बेटी भटके राहों में, माता डूबी आहों में

तरसे तेरे दरस को नयन, हो

ओ, बाबूल प्यारे

गीतकार : इंदीवर

संगीतकार : कल्याणजी आनंदजी

गायिका : लता मंगेशकर

चित्रपट : जॉनी मेरा नाम (१९७० )

ao baabul pyary

Shisha Ho Ya Dil Ho Toot Jata Hai

शीशा हो या दिल हो आख़िर टूट जाता है

लब तक आते आते हाथों से सागर छूट जाता है

काफ़ी बस अरमान नहीं, कुछ मिलना आसान नहीं 

दुनिया की मजबूरी है, फिर तकदीर ज़रूरी है

ये दो दुश्मन हैं ऐसे, दोनो राज़ी हो कैसे

एक को मनाऊँ तो, दूजा रूठ जाता है

बैठे थे किनारे पे, मौजों के इशारे पे

हम खेले तूफ़ानों से, इस दिल के अरमानों से

हमको ये मालूम न था, कोई साथ नहीं देता

माँझी छोड़ जाता है, साहील छूट जाता है

दुनिया एक तमाशा है, आशा और निराशा है

थोड़े फूल हैं, काँटे हैं, जो तकदीर ने बाटे है

अपना अपना हिस्सा है, अपना अपना किस्सा है

कोई लुट जाता है, कोई लूट जाता है

गीतकार : आनंद बक्षी

गायक : लता मंगेशकर,

संगीतकार : लक्ष्मीकांत प्यारेलाल

चित्रपट : आशा (१९८०)

shisha ho ya dil ho toot jata hai

Aankhiyo Ke Jharokho Se

अखियों के झरोखों से मैने देखा जो सावरे

तुम दूर नज़र आये, बड़ी दूर नज़र आये

बंद कर के झरोखों को ज़रा बैठी जो सोचने

मन में तुम ही मुस्काए, मन में तुम ही मुस्काए 

 

एक मन था मेरे पास वो अब खोने लगा है

पाकर तुझे, हाए मुझे कुछ होने लगा है

एक तेरे भरोसे पे सब बैठी हूँ भूल के

यूँ ही उम्र गुजर जाए, तेरे साथ गुजर जाए

 

जीती हूँ तुम्हे देखके मरती हूँ तुम्हीं पे

तुम हो जहाँ साजन मेरी दुनियाँ है वही पे

दिन रात दुआ माँगे मेरा मन तेरे वास्ते 

कही अपनी उम्मीदों का कोई फूल ना मुरझाए

 

मैं जब से तेरे प्यार के रंगो में रंगी हूँ 

जगते हुए सोयी रही, नींदो में जगी हूँ 

मेरे प्यार भरे सपने, कही कोई न छीन ले

मन सोच के घबराए, यही सोच के घबराए 

 

गीतकार : रविन्द्र जैन, गायक : हेमलता, 

संगीतकार : रविन्द्र जैन, 

चित्रपट : अखियों के झरोखे से (१९७८)

aankhiyo ke jharokho se