Bewafa Shayari
Dhalta Duaa Suraz
रोज़ ढलता हुआ सूरज ये कहता है मुझसे आज उसे बेवफा हुए एक दिन और हुआ II
Mil Jayega
मिल जायेगा हमें भी कोई टूट कर चाहने वाला !
अब शहर का शहर तो बेवफा नहीं हो सकता !!
अब शहर का शहर तो बेवफा नहीं हो सकता !!
Jo Meri Khamushi Nahi Samajh Ska
अल्फाज़ तो बहुत है मोहब्बत को जताने के लिए !
जो मेरी खामुशी नहीं समझ सका वो मेरी मोहब्बत क्या समझे गा !!
जो मेरी खामुशी नहीं समझ सका वो मेरी मोहब्बत क्या समझे गा !!