Poetry Tadka

Barish Shayari

Naye Mausam Ki Barish

क्या रोग दे गई है ये नए मौसम की बारिश !

मुझे याद आ रहे हैं मुझे भूल जाने वाले !!

Mohabbat To Wo Barish Hai

मोहब्बत तो वो बारिश है जिससे छूने की चाहत मैं !
हथेलियां तो गीली हो जाती है पर हाथ खाली ही रह जाते है !!

Meri Aankhe Roz Brasti Hai

कोई तो बरसात ऐसी हो जो तेरे संग बरसे !
तन्हा तो मेरी आंखे रोज़ बरसती है !!

Khachchi Mitti Ka

कच्ची मिट्टी का बना होता है उम्मीदों का घर !
ढह जाता है हकीकत की बारिश में अक्सर !!