बहुत लाज़मी था उनका.. मग़रूर हो जाना,
इश्क़ नही इबादत उनकी.. कर बैठे थे हम
मुहब्बत करने से फुर्सत नहीं मिली यारों,
वरना हम करके बताते नफरत किसे कहते हैं
इस दुनिया मेँ अजनबी रहना ही ठीक है….
लोग बहुत तकलीफ देते है अक्सर अपना बना कर
वजह तक पूछने का मौका ही ना मिला,
बस लम्हे गुजरते गए और हम अजनबी होते गए.