Akelapan Shayari
umeed abhi baki hai
उम्मीद अभी जिन्दा है संघर्ष अभी बाकी है
तूफां आके चला गया,उत्कर्ष अभी बाकी है
न्याय की उम्मीद मे,हर आह ने दम है भरा
झूठ ने सच को ढका,निष्कर्ष अभी बाकी है
अज्ञान के तिमिर मे,ज्ञानेश ' कही खो गया
जुगनुओ की रोशनी का,अंश अभी बाकी है
तेरी चेहरे की परछाई मेरे आँखो से छटती नहीं
तेरी आने की आहट मेरे कानों से हटती नहीं
या खुदा....या खुदा
ये कैसा इश्क का कैफ है पिता हुँ तो चढ़ती नहीं देखता हुँ तो उतरती नहीं
© Pallavi Gupta
तूफां आके चला गया,उत्कर्ष अभी बाकी है
न्याय की उम्मीद मे,हर आह ने दम है भरा
झूठ ने सच को ढका,निष्कर्ष अभी बाकी है
अज्ञान के तिमिर मे,ज्ञानेश ' कही खो गया
जुगनुओ की रोशनी का,अंश अभी बाकी है
तेरी चेहरे की परछाई मेरे आँखो से छटती नहीं
तेरी आने की आहट मेरे कानों से हटती नहीं
या खुदा....या खुदा
ये कैसा इश्क का कैफ है पिता हुँ तो चढ़ती नहीं देखता हुँ तो उतरती नहीं
© Pallavi Gupta