Poetry Tadka

Akelapan Shayari

Hai Kaisi Paheli

खूब खेले वो आंख मिचोली ढुंढती उसे जब रहूँ अकेली
कभी दुख कभी सुख तू है कैसी पहेली
धूप-छांव सी जिंदगी मेरी सहेली
© Pallavi Gupta

Chalo Chalte Hai Wha

चलो चलते हैं वहां जहां मुकद्दरों का हिसाब होगा
कौन था कितने के काबिल वहां सारा इंसाफ होगा
तू भी वंदा, मैं भी नमाजी दिल किसका कितना साफ होगा
कर्मों के बिनाफ पे ए-काफिर वहां सारा इंसाफ होगा
दिखता सब है रब को मेरे वहां न कोई पर्दा होगा
छल फरेब से ऊपर उठके वहां सारा इंसाफ होगा
© Pallavi Gupta

Dekh Tera Eka Banda

देख तेरा एक बंदा मौला खुद से कैसे लड़ता है
नियत शरीफ है उसकी फिर भी बनता और बिगड़ता है
नाइंसाफीयां हुई है जाने कितने फिर भी सजदा तेरा करता है
देख के उसके धीरज को दिल मेरा भी पिघलता है
दामन में नहीं है उसके कुछ भी फिर भी सपने वह बुनता है
दूसरों के लिए जिए जिंदगी जुनून इतना वो रखता है
बिखरे टूटे टुकड़ों को अपने सहेज के वह चलता है
हर मुश्किल को परे रखकर कदम कदम वह बढ़ता है
देख तेरा एक बंदा मौला खुद से कैसे लड़ता है
सह कर सितम वो तेरे सारे तुझ पर ही मरता है
© Pallavi Gupta

Ye Duniya Ka Mela

रास ना आया मुझको यह दुनिया का मेला
चले ये दुनिया साथ मेरे फिर भी दिल तन्हा अकेला
पूछें दुनिया मुझसे खुद को कहां मैंने भूला
बोला हंस कर मैंने उनसे यहॉ रिश्तों का है बहुत झमेला
तिल तिल कर मैंने बेमतलब से रिश्तो को झेला
फिर एकदिन खुलकर मैंने खुद से डटकर ये बोला
चलो चले दूर कही जहां न हो इतना मेला
बस एक दो सच्चे साथी हो दिल न करें महसूस अकेला
© Pallavi Gupta

Es Raat So Jaae Do

शख्सियत को अपनी गुम जाने दो
वक्त को भी थोड़ा बदल जाने दो
तपती धूप सी कठोर है यह जिंदगी
प्यारी यादों की शाम को ढल जाने दो
दूरियां जो दिलों में बस रही है
आंखों की नदियों में बह जाने दो
बहुत संभले हो दिनभर झूठा मूठा
अब खुद को थोड़ा सच में टूट जाने दो
आओ बातें कुछ करके कुछ दिल की
थोड़ी देर तो यह दुनिया भूल जाने दो
कल सुबह फिर वही दौड़ धूप है
इस रात तो सुकून से सो जाने दो
© Pallavi Gupta