Nazar Shayari
bhula dete tumhe
तुम दिल में ना समाते तो भुला देते तुम्हे
तुम इतना पास ना आते तो भुला देते तुम्हे
ये कहते हुए मेरा ताल्लुक नहीं तुमसे कोई
आँखों में आँसूं ना आते तो भुला देते तुहे

mai mushafir hun
मैं मुसाफ़िर हूँ ख़तायें भी हुई होंगी मुझसे !
तुम तराज़ू में मग़र मेरे पाँव के छाले रखना !!

Ye Ishq
पत्थर सा जिगर चाहिए ,साहिबा
ये इश्क है - - -
टूटना है, और टूटते ही जाना है ।