Poetry Tadka

Nazar Shayari

Hamdardi

‪‎हमदर्दी‬ ना करो मुझसे ए ‪‎मेरे‬ हमदर्द दोस्तों
वो भी बड़ी ‪‎हमदर्द‬ थी ‪जो‬ दर्द हजारो दे गई !!

Zikra Se Mere

हम तेरे कोई नहीं मगर इतना तो बता,
ज़िक्र से मेरे, तेरे दिल में आता क्या है?

Bhut Mehnat Ki Hai

मेरा टूटना, बिखरना महज़ एक इत्तेफाक नहीं !
बहुत मेहनत की है एक शक्स ने इसकी खातिर !!

Abki Hum Bichde To Sayad

अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें !
जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें !!

Rah Na Sako Kisi Ke Bina

आँखो से लफ्जो का दीदार मत करना !
खामोशी से मुहब्बत का इजहार मत करना !
रह न सको किसी के बिना !
इतना भी किसी से प्यार न करना !!