Poetry Tadka

Four Line Shayari

Zindagi Ki Trah

तू थमी है इन आँखों में यूँ नमी कि तरह !
कि चमक उठे हैं अँधेरे भी रोशनी कि तरह !
तुम्हारा ख़याल है या आसमान नज़रों में !
सिमट गया यूँ जिस्म में ज़िन्दगी की तरह !!

Ek Pal Me Zindagi Bhar Ki Udasi

एक पल में ज़िन्दगी भर की उदासी दे गया !
वो जुदा होते हुए कुछ फूल बासी दे गया !
नोच कर शाखों के तन से खुश्क पत्तों का लिबास !
ज़र्द मौसम बाँझ रुत को बे-लिबासी दे गया !!

Badal Gya Hoon Mai

कुछ लोग कहते है की बदल गया हूँ मैं !
उनको ये नहीं पता की संभल गया हूँ म !
उदासी आज भी मेरे चेहरे से झलकती है !
परअब दर्द में भी मुस्कुराना सीख गया हूँ मे !!

Dil Ke Sare Arman

मैंने दिलो जान दील के सारे अरमान !
सिर्फ उसीके नाम और उसी "वक़्त"कर दिए थे !
मोहोब्बत की वसीहत बनाई थी दिल मे !
और होशो हवास में उसपर "दस्तखत"कर दिए थे !!

Beksi Aur Bebsi

बेकसी और बेबसी का आलम हमसे पूछिये !
ज़रा तन्हाई का आलम हमसे पूछिये !
कितनी दफ़ा कह चुके हैं मोहब्बत है तुमसे !
आँखो से लबों तक की ख़ामोशी का मतलब हमसे पूछिये !!