Poetry Tadka

Four Line Shayari

Ishq Ki Rah Me Manmarzi Nahi Chalti

खुदा की रहमत में अर्जियाँ नहीं चलतीं !
दिलों के खेल में खुदगर्जियाँ नहीं चलतीं !
चल ही पड़े हैं तो ये जान लीजिए हुजुर !
इश्क़ की राह में मनमर्जियाँ नहीं चलतीं !!

Saza Lagti Hai Zindagi Bin Tere Zine Me

सज़ा लगती है मुझको ज़िन्दगी बिन तेरे जीने में !
जुदाई ज़हर है जैसे कि सावन के महीने में !
हमे आदत ही ऐसी ज़िन्दगी में हो गई अब तो !
मज़ा आता नही हमको बिना ज़ख़्मो के जीने में !!

Abhi Aarman Baki Hai

मेरा ज़मीन गयी हैं , मेरा आसमान बाकी हैं !
की टूट कर भी मेरी जान , मेरा स्वाभिमान बाकी हैं !
तू कर ले गुस्ताखी मुझे नेस्तनाबूद करने की !
पैदा हुएँ हैं शान से , अभी कई अरमान बाकी हैं !!

Mere Hamsfar Mere Hamsfar

तेरा रंग साया बहार का, तेरा रूप आईना प्यार का !
तुझे आ नज़र में छुपा लू मैं, तुझे लग ना जाये कही नज़र !
किसी राह में, किसी मोड़ पर किसी हाल में, किसी बात पर !
कही चल ना देना तू छोड़कर, मेरे हमसफ़र, मेरे हमसफ़र !!

Mai Khud Ho Jaaunga Badnam

अभी सूरज नहीं डूबा जरा सी शाम होने दो !
मैं खुद लौट जाऊंगा मुझे नाकाम तो होने दो !
मुझे बदनाम करने का बहाना ढूंढ़ता है जमाना !
मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले मेरा नाम तो होने दो !!