शाम की लाली मुझे
तुम्हारी मुस्कान लगती है
ठंडी हवा के झोंकों से
तुम्हारी जुल्फें याद आती है
हर बात मानी है तेरी
सिर झुका कर ऐ ज़िंदगी
हिसाब बराबर कर तू भी
तो कुछ शर्ते मान मेरी ।
ज़िन्दगी के सफ़र में आपका सहारा चाहिए
आपके चरणों का बस आसरा चाहिए
हर मुश्किलों का हँसते हुए सामना करेंगे
बस ठाकुर जी आपका एक इशारा चाहिए
तुम नहीं हो पास मगर तन्हाँ रात वही है
वही है चाहत यादों की बरसात वही है
हर खुशी भी दूर है मेरे आशियाने से
खामोश लम्हों में दर्द-ए-हालात वही है
मोहब्बत के बिना रवानी क्या होगी
मोहब्बत नहीं तो कहानी क्या होगी
आग का दरियाहो या प्यार की कश्ती
मोहब्बत नहीं तो जिंदगानी क्या होगी
उनकी याद में बेकरार हो जाता क्यों है
उनकी बात में उमड़ जाता क्यों है
प्यार करना है तो इजहार क्यों नहीं करता
अपने साथ उनके दिल को सताता क्यों है
चाहत ने तेरी मुझको कुछ इस तरह से घेरा
दिन को हैं तेरे चरचे रातों को ख्वाब तेरा
तुम हो जहाँ वहीं पर रहता है दिल भी मेरा
बस इक ख्याल तेरा क्या शाम क्या सवेरा
दर्द की शाम हो या सुख का सवेरा हो
सब गवांरा है मुझे साथ बस तेरा हो
जीते जी मर के भी हाथ में हाथ रहे
तेरा मेरा साथ रहे धूप हो छाया हो
हम भी है कुछ अधूरे से तेरे बिना
इतना की अलफ़ाज़ में नही बोल सकते
बिना बोले समझ जाती है तू मुझे
इसी सुकून से जी रहा हु आज भी यहा
दिल के टूटने से नही होती है आवाज़
आंसू के बहने का नही होता है अंदाज़
गम का कभी भी हो सकता है आगाज़
और दर्द के होने का तो बस होता है एहसास
जिन्दगी की राहों में बहुत से यार मिलेगें !
हम क्या हमसे भी अच्छे हजार मिलेगें !
इन अच्छों की भीड में हमे ना भूला देना !
हम कहॉ आपको बार बार मिलेगें !!
वफ़ा का लाज हम वफा से निभायेगें !
चाहत के दीप हम आँखों से जलाएंगे !
कभी जो गुजरना हो तुम्हें दूसरे रास्तों से !
हम फूल बनकर तेरी राहों में बिखर जायेंगे !!
शोर की इस भीड़ में ख़ामोश तन्हाई-सी तुम !
ज़िन्दगी है धूप, तो मदमस्त पुरवाई-सी तुम !
लाओ वो तस्वीर जिसमें प्यार से बैठे हैं हम !
मैं हूं कुछ सहमा हुआ-सा, और शरमाई-सी तुम !!
एक पल में ज़िन्दगी भर की उदासी दे गया !
वो जुदा होते हुए कुछ फूल बासी दे गया !
नोच कर शाखों के तन से खुश्क पत्तों का लिबास !
ज़र्द मौसम बाँझ रुत को बे-लिबासी दे गया !!
कोई आँखों आँखों में बात कर लेता है !
कोई आँखों आँखों में इकरार कर लेता है !
बड़ा मुश्किल होता है जवाब दे पाना !
जब कोई खामोश रहकर भी सवाल कर लेता है !!
तूने नफ़रत से जो देखा है तो याद आया !
कितने रिश्ते तेरी ख़ातिर यूँ ही तोड़ आया हूँ !
कितने धुंधले हैं ये चेहरे जिन्हें अपनाया है !
कितनी उजली थी वो आँखें जिन्हें छोड़ आया हूँ !!
मैं तो झोंका हूँ हवा का उड़ा ले जाऊँगा !
जागती रहना तुझे तुझसे चुरा ले जाऊँगा !
हो के कदमों पे निछावर फूल ने बुत से कहा !
ख़ाक में मिल के भी मैं खुश्बू बचा ले जाऊँगा !!
ये मत कहना कि तेरी याद से रिश्ता नहीं रखा !
मैं खुद तन्हा रहा मगर दिल को तन्हा नहीं रखा !
तुम्हारी चाहतों के फूल तो महफूज़ रखे हैं !
तुम्हारी नफरतों की पीड़ को ज़िंदा नहीं रखा !!
दिल में दद॔ के पुरजे तलाश करती हूँ !
तुम्हारे प्यार के टुकड़े तलाश करती हूँ !
तमाम रात पर्दे हटा के,चाँद के साथ !
जो खो गये हैं, वो लम्हे तलाश करती हूँ !!
तुम्हारी हर अदा मुहब्बत सी लगती है ! एक पल की जुदाई भी मुद्दत सी लगती है ! कहना तो नहीं चाहते थे पर फिर भी कहते है ! जिन्दगी के हर लम्हें में आपकी जरूरत सी लगती है !!
खुदा की रहमत में अर्जियाँ नहीं चलतीं !
दिलों के खेल में खुदगर्जियाँ नहीं चलतीं !
चल ही पड़े हैं तो ये जान लीजिए हुजुर !
इश्क़ की राह में मनमर्जियाँ नहीं चलतीं !!
सज़ा लगती है मुझको ज़िन्दगी बिन तेरे जीने में !
जुदाई ज़हर है जैसे कि सावन के महीने में !
हमे आदत ही ऐसी ज़िन्दगी में हो गई अब तो !
मज़ा आता नही हमको बिना ज़ख़्मो के जीने में !!
मेरा ज़मीन गयी हैं , मेरा आसमान बाकी हैं !
की टूट कर भी मेरी जान , मेरा स्वाभिमान बाकी हैं !
तू कर ले गुस्ताखी मुझे नेस्तनाबूद करने की !
पैदा हुएँ हैं शान से , अभी कई अरमान बाकी हैं !!
तेरा रंग साया बहार का, तेरा रूप आईना प्यार का !
तुझे आ नज़र में छुपा लू मैं, तुझे लग ना जाये कही नज़र !
किसी राह में, किसी मोड़ पर किसी हाल में, किसी बात पर !
कही चल ना देना तू छोड़कर, मेरे हमसफ़र, मेरे हमसफ़र !!
अभी सूरज नहीं डूबा जरा सी शाम होने दो !
मैं खुद लौट जाऊंगा मुझे नाकाम तो होने दो !
मुझे बदनाम करने का बहाना ढूंढ़ता है जमाना !
मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले मेरा नाम तो होने दो !!
कुछ नहीं चाहिए तुम्हारी-एक मुस्कान हीं काफ़ी हैं !
तुम दिल में बसें रहों-यें अरमान हीं काफीं हैं !
हम यें तों नहीं कहतें कि,हमारें पास आ जाओं !
बस हमें याद रखना,यें एहसास हीं काफीं हैं !!
तक़दीर ने जैसे चाहा वैसे ढल गए हम !
बहुत संभल के चले फिर भी फिसल गए हम !
किसी ने विश्वास तोडा तो कभी किसी ने दिल !
और लोगो को लगता है की बदल गए हम !!
पल -पल उनका साथ निभाते हम !
उनके एक इशारे पर दुनियाँ छोङ जाते हम !
अरे बीच समन्दर मे धोखा दिया उन्होने !
कहते तो किनारे ही डूब जाते हम !!
हर बात में आंसू बहाया नहीं करते !
दिल की बात हर किसी को बताया नहीं करते !
लोग मुट्ठी में नमक लेके घूमते है !
दिल के जख्म हर किसी को दिखाया नहीं करते !!
क़दम चूमता है "ज़माना" उसी का !
जो "अपना" नहीं, पर हुआ है "सभी" का !
चला ही नहीं जो डगर "आशिक़ी" की !
पता क्या चलेगा उसे "ख़ुदकुशी" का !!
तू थमी है इन आँखों में यूँ नमी कि तरह !
कि चमक उठे हैं अँधेरे भी रोशनी कि तरह !
तुम्हारा ख़याल है या आसमान नज़रों में !
सिमट गया यूँ जिस्म में ज़िन्दगी की तरह !!
एक पल में ज़िन्दगी भर की उदासी दे गया !
वो जुदा होते हुए कुछ फूल बासी दे गया !
नोच कर शाखों के तन से खुश्क पत्तों का लिबास !
ज़र्द मौसम बाँझ रुत को बे-लिबासी दे गया !!
कुछ लोग कहते है की बदल गया हूँ मैं !
उनको ये नहीं पता की संभल गया हूँ म !
उदासी आज भी मेरे चेहरे से झलकती है !
परअब दर्द में भी मुस्कुराना सीख गया हूँ मे !!
मैंने दिलो जान दील के सारे अरमान !
सिर्फ उसीके नाम और उसी "वक़्त"कर दिए थे !
मोहोब्बत की वसीहत बनाई थी दिल मे !
और होशो हवास में उसपर "दस्तखत"कर दिए थे !!
बेकसी और बेबसी का आलम हमसे पूछिये !
ज़रा तन्हाई का आलम हमसे पूछिये !
कितनी दफ़ा कह चुके हैं मोहब्बत है तुमसे !
आँखो से लबों तक की ख़ामोशी का मतलब हमसे पूछिये !!
सुन के सब चल देते है, मानता कोई नहीं!
टूटे रिश्ते खींच लेते है, बाँधता कोई नहीं!
जद्दोजहद इस दिल की दिल में दफन रहती हैं!
मुझे पहचानते तो सब है, जानता कोई नहीं !!
मेरी ख्वाबिन्दा उम्मीदों को जगाया क्यों था !
दिल जलना था तो फिर तुमने दिल लगाया क्यों था !
अगर गिरना था इस तरह नजरो से हमें !
तो फिर मेरे इस्सक को कलेजे से लगाया क्यों था !!
सफर में मुश्किलें आए तो हिम्मत और बढ़ती है !
कोई अगर रास्ता रोके तो जुर्रत और बढ़ती है !
अगर बिकने पे आ जाओ तो घट जाते हैं दाम अक्सर !
ना बिकने का इरादा हो तो कीमत और बढ़ती है !!
रेत की प्यास को बस बदलियां समझती है !
भूख कितनी लगी है, पसलियां समझती है !
चराग हूँ मुझे सूरज की आग क्या जाने !
मेरी ताकत तो सिर्फ आंधियां समझती है !!
निगाहें आपकी पहचान है हमारी !
मुस्कुराहट आपकी शान है हमारी !
रखना अपने आपको हिफाजत से !
क्योंकि सांसे आपकी जान है हमारी !!
टूटे दिल को, संभलने की आस क्या रखिये !
कितना खोया ज़िंदगी में हिसाब क्या रखिये !
अगर बांटनी है तो खुशियाँ बांटो दोस्तों से !
अपने अज़ाब अपने हैं,सब को उदास क्या रखिये !!
ऐ दोस्त जिदगी भर मुझसे दोस्ती निभाना !
दिल की कोई भी बात हमसे कभी ना छुपाना !
साथ चलना मेरे दुख सुख मे !
भटक जाऊ मै कभी तो सही रास्ता दिखलाना !!
कभी संभले तो कभी बिखरते आये हम !
जिंदगी के हर मोड़ पर खुद में सिमटते आये हम !
यूँ तो जमाना कभी खरीद नहीं सकता हमें !
मगर प्यार के दो लफ्जो में सदा बिकते आये हम !!
शायरी पढ़ते पढ़ते खुद लिखना सीख गये !
जीते जीते किसी और के लिए जीना सीख गए !
आँखों आँखों में भी बातें होती है !
आज कल उन बातों को भी पढ़ना सीख गए !!
aatmavishwas ke bina kisi kaam me sfal hone ki kalpna karne apne aap ko dhokha dene ke brabar hai
mere ishq se mili hai tere hushn ki sohrat
tera zikr hi kha tha meri dasta se pahle
kabhi karte hai zindagi ki tmanna kabhi mout ka intzar karte hai
wo log humse kyu door rahte hai jinhe hum zindagi se jyada pyar karte hai
bewfa hum hi sahikhud pe bhi kuch gor karo
berhkhi aap ki hadse jyada to nahi
behtrin insan to ani zuban se pahchana jata hai
aachi bate to dewaro pe bhi likhi hoti hai
pyar me do pal ki zindagi bhut hai
ek pal ki hansi ek pal ki khushi bhut hai
duniya jane ya na jane teri aankho ne pachana yahi bhut hai