Poetry Tadka

Two Line Shayari

Ye Aur Bat Hai

ये बात और है के तक़दीर लिपट के रोई वरना !
बाज़ू तो हमनें तुम्हे देख कर ही फैलाए थे !!

Aznabi Ban Kar Gujar Jana Accha Hai

जहाँ भूली हुई यादें दामन थाम लें दिल का !
वहां से अजनबी बन कर गुज़र जाना ही अच्छा है !!

Pahla Kdam Kon

फासला अब भी दो कदमों का ही है !
पहले कदम कौन बढ़ाये, तय ये नही है !!

Apna Hote Huae

जुर्म समझो तो नोच लो यह आँखे !
ख्वाब में देखा है तुम्हे अपना होते हुए !!

Teri Aankhe Jo Bol Jati Hai

तेरी आँखे जो बोल जाती है तेरी साँसे जब गुनगुनाती है !
तब मेरी हर हसरत एक नया रूप पाती है !!