Poetry Tadka

Two Line Shayari

Fikr Bhut Karti Hai

आज यकीन हो गया 'साहब', हमको उनकी वफाओं का !
वो मुझसे इश्क़ तो नहीं करती , फिक्र बहुत करती है !!

Huae Badnam Mgar

हुए बदनाम मगर फिर भी न सुधर पाए हम !
फिर वही शायरी, फिर वही इश्क, फिर वही तुम !!

To Samajh Lena

जब तेरे लम्हे न गुज़रें मेरे बिन तो समझ लेना !
टूटकर चाहा था किसी ने इस नफरत भरे जहाँ में !!

Naa Jane Unka Waqt

ना जाने उनका वक्त आज कहाँ गुजरता है !
जिनके लिए वक्त से भी ज्यादा कीमती थे हम !!

Aap Bhi Sje Rahna

उदास चेहरे कोई भी नहीं पढ़ा करता !
नुमाइशों की तरह आप भी सजे रहना !!