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Two Line Shayari

fasle ka ahsas

फासलों का एहसास, तो तब हुआ साहेब !
जब मैंने कहा मैं ठीक हूँ और उसने मान लिया !!

zmanat krate krate

मेरी हसरतों को इतना भी कैद में ना रख ए - जिन्दगी !
ये दिल भी थक चुका है इसकी ज़ामानत कराते कराते !!

duaa de jaaega

कितना नादीम (शर्मींदा) हुआ मै बुरा कह के उसे !
क्या पता था जाते जाते वो दुवा दे जायेंगा !!

ek tum ko naa jit sake

एक तुम को ना जीत सके हम तुम को !
उम्र बीत गयी खुद को खिलाडी कहते कहते !!

apne hi hote hai jo dil pr

अपने ही होते है जो दिल पर वार करते है !
गैरों को क्या खबर दिल किस बात पर दुखता है !!
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