लेकिन जब बात आत्मसम्मान की हो तो
वहां हर रिश्ता समाप्त कर देना उचित है!
आत्मसम्मान खोकर जो भी चीज मिले,
वो आपको शोहरत तो दे सकती है,
पर सुकून नहीं।
हम माफ भी कर देते,
पर चोट आत्म-सम्मान को लगी थी।
हैसियत का परिचय तब देंगे
जब बात आत्मसम्मान की होगी...!!