तेरे होने पर भी खुद को तनहा समझूँ !
में बेवफा हु के तुजे बेवफा समझूँ !
तेरी बेरुखी से वक़्त तो गुज़र गया हें मेरा !
यह खुद्दारी हें तेरी या तेरी अदा समझूँ !
तेरे बाद क्या हाल हुआ हें मेरा !
ये तेरी इनायत हें या समझूँ !
ज़ख़्म देती हो और मरहम भी लगाती हो !
यह तेरी आदत हें या तेरी अदा !!
from : Sad Shayari in Hindi