सारे आलम में भर रहा है इश्क़वो जो महफ़िलों के मुर्शिद थेआज तेरे इश्क़ के मुरीद कहलाये
प्यार में झुकना कोई बड़ी बात नहीं आखिर सूरज भी तोह डूबता है चाँद के लिए.
from : Love Shayari in Hindi