सुला चुकी थी ये दुनिया ,
थपक-थपक के मुझे ,
जगा दिया तेरी पाजेब ने ,
छनक के मुझे ,
कोई बताये की मै इसका
क्या इलाज करून ,
परेशां करता है ये दिल ,
धड़क-धड़क के मुझे
from : Hindi Shayari हिंदी शायरी लिखा हुआ