करती है घायल मुझको,
रातों में नींद उड़ादे
इस कदर चाहता हूँ मैं बेहद तुमको।
ख्वाबों में है तेरा बसेरा
कब्जा कर रखा है ख्वाबों ने इस दिल पे
देखूं हर घड़ी सपनो में तुझको,
इस कदर मैं चाहता हु तुमको।
बेकरारी है तुमसे मिलने की
तुम्हे मुस्कुराता देखूं तो मिल जाती राहत दिल को,
प्यासी है मेरी निगाहें नसीली है तेरी आंखें
हर वक्त ख्वाब में मैं देखूं तुझको,
जब भी कहीं देखूं तुझे में
तो ठंडक मिल जाती मुझको,
राहत हो इस दिल की तुम
अपनी जान से जाड़ा चाहा है तुमको।
दिल में बसाया है
प्यार करता हूं हद्द से जाड़ा मैं तुझको,
इस दिल की ख्वाइश हो तुम
हर दुआ में मैं मांगू तुमको,
कातिलाना नजरे तेरी करती है घायल मुझको।