क्योंकि बेहतर करने की कोशिश ही
हमें महान बनातीं है।
Hamesh behtar karne ki koshsish karo.
Kyonki behtar karne ki koshish
he hamen mahaan banati ha.
इतनी उदासी क्यों जब नसा- ए- शाम आपके पास है
इतनी मुस्कराहट क्यों जब दिल्लगी की बात है
जो दूर जाता है उसकी भी कोई मजबूरी होगी
केवल आपकी ही नही उसकी भी मोहब्बत अधूरी होगी
इतनी उदासी क्यों है लबों पर
मोहब्बत टूट रही है या छूट रही है...