तुम्हे वो मक़ाम देते की ज़माना देखता।
जब खुद अपनी अहमियत बतानी पड़ जाए तो समझ लेना आपकी अहमियत नहीं रही
ज़रूरी नहीं कि आप की उम्र क्या है,ज़रूरी ये है की आप किसी उम्र की सोच रखते हैं.
from : Hindi Shayari हिंदी शायरी लिखा हुआ