.उड़ चला उड़ चला
लगाके पंख सपनों के
कभी पहाड़ों पे तो कभी सागर पे
कभी इस शहर तो कभी उस शहर
ना कोई पास पोर्ट
ना ही कोई वीजा
बेख़ौफ़ आजाद परिंदे सा
ये तो बस उड़ चला
दूर दूर दूर और बहुत दूर
लेके संग अपनों के रंग
लगाके पंख सपनों के
देखो ये तो उड़ चला
उड़ चला उड़ चला
ये दिल
from : Dil Shayari