चांद के साथ कई दर्द पुराने निकले !
कितने गम थे जो तेरे गम के बहाने निकले !
फ़सल-ए-गुल आई फ़िर एक बार असीनाने-वफ़ा !
अपने ही खून के दरिया में नहाने निकले !!
दिल ने एक ईंट से तामीर किया हसीं ताजमहल,
तुने एक बात कही लाख फसाने निकले !!
from : Good Quotes