*गृहलक्ष्मी*🙏🏼
एक अंकल को दोस्त के बेटे की शादी के रिसेप्शन में जाने का मौका मिला.
स्टेज पर खड़ी खुबसूरत नयी जोड़ी को आशीर्वाद देकर नीचे उतर ही रहे थे कि दोस्त ने आवाज देकर वापस स्टेज पर बुलाया और कहा कि "नवदंपति को आशीर्वाद के साथ अच्छी शिक्षा देते जाओ"
महानुभाव ने पर्स में से 100 रुपये का नोट निकालकर दुल्हे के हाथ में देते हुए कहा कि "मसलकर नोट को फेंक दे".
दुल्हे ने कहा "अंकल, ऐसी सलाह? पैसे को तो हम लक्ष्मी मानते हैं.
महानुभाव ने जबाब मे कहा कि "जब कागज की लक्ष्मी का इतना मान सम्मान करते हो तो आज से तुम्हारे साथ खड़ी कंधे से कंधा मिलाकर पुरी जिंदगी दुख सुख में साथ देने के लिए तैयार गृहलक्ष्मी को कितना मान सम्मान देना है वो तुम खुद तय कर लेना"।
क्योंकी ये किसी मॉं-बाप की सबसे अनमोल मोती हैं. जो कि इस कागज़ की लक्ष्मी से बहुत ऊपर है।।
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from : Hindi Kahaniyan