मगर लोग तुम्हें रात भर देखें
ये मुझे गवारा नहीं.
ना जाने मुहब्बत में कितने अफसाने बन जाते है
शमां जिसको भी जलाती है वो परवाने बन जाते है
कुछ हासिल करना ही इश्क कि मंजिल नही होती
किसी को खोकर भी कुछ लोग दिवाने बन जाते है
काश वो आकर बोल दे,
सुनो ख्याल नहीं रखते न अपना