आंसुओं की बूँदें हैं या आँखों की नमी है !
न ऊपर आसमां है न नीचे ज़मी है !
यह कैसा मोड़ है ज़िन्दगी का !
उसी की ज़रूरत है और उसी की कमी है !!
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