या तो मंजिल मिल जायेगी या अच्छा मुसाफिर बन जाऊँगा !!
झूझती रही..बिखरती रही..टूटती रही..कुछ इस तरहज़िन्दगी निखरती रही..!
from : Zindagi Shayari